Format | Hardcopy |
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Author | आचार्य ज्ञानेश्वर जी आर्य |
Writer Name | आचार्य ज्ञानेश्वर जी आर्य |
Publisher Name | वानप्रस्थ साधक आश्रम रोजड |
Language | Hindi |
SKU | H044 |
Size | 12 X 18 |
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सन् 2001 जनवरी में गुजरात के कच्छ तथा बनासकांठा के कुछ क्षेत्रों के महाविनाशकारी भूकंप का सचित्र वर्णन इस लघु पुस्तिका में दिया गया है। विनाश के बाद सहायता और पुनःनिर्माण दर्शन योग महाविद्यालय द्वारा चलाए गए सहायता केन्द्र, भूकंप का कारण, भूकंप के प्रति उपेक्षा तथा प्रतिकार साधनों का असंग्रह, राजकीय असफलता, विदेशी सहायता, मतवाद, संप्रदायवाद और जातिवाद, कच्छ की स्वाभिमानता, स्वार्थ परता की वृद्धि भूकंप के परिणाम और प्रभाव, भ्रष्ट राजनैतिक और मतान्ध लोगों की दुष्प्रवृतियों आदि मुद्दों की चर्चा अत्यंत सरल और रोचक ढंग से की गई है कि पाठक एक ही बैठक में पुस्तिका को पढ़ सकता है।