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आत्मनिरीक्षण (ATMANIRIKSHAN)

आत्मनिरीक्षण (ATMANIRIKSHAN)

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पुस्तक : आत्मनिरीक्षण

लेखक : पूज्य स्वामी विवेकानंद जी परिव्राजक

साइज़ : 14cm X 21.5cm X 0.5cm

पृष्ट : 88

संस्करण : प्रथम

प्रकाशक : दर्शन योग धर्मार्थ ट्रस्ट, आर्यवन, रोजड

विषय : अध्यात्म मार्ग में शीघ्र उन्नति करने हेतु आत्मनिरीक्षण एक महत्वपूर्ण कार्य है । आत्मनिरीक्षण क्या है ? आत्मनिरीक्षण कितने प्रकार के हैं ? आत्मनिरीक्षण के पूर्व कैसी तैयारी करनी चाहिये ? आत्मनिरीक्षण करने से लाभ ? और न करने से हानियाँ ? आत्मनिरीक्षण करने की विधि क्या है ? क्या आत्मनिरीक्षण में हमें सिर्फ दोषों को देखना चाहिए, गुणों को नहीं ? आदि-आदि विषयों पर स्वामी विवेकानंद जी द्वारा प्रकाश डाला गया है । 

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