पुस्तक : अपने भाग्य निर्माता आप
लेखक : पूज्य स्वामी विवेकानंद जी परिव्राजक
साइज़ : 14cm X 21cm X 0.5cm
पृष्ट : 112
संस्करण : प्रथम
प्रकाशक : दर्शन योग धर्मार्थ ट्रस्ट, आर्यवन, रोजड
विषय : प्रस्तुत पुस्तक मे कर्म की परिभाषा, कर्म के प्रकार कर्म का फल भोक्ता कौन, परिणाम, प्रभाव, संचित क्रियमाण, प्रारब्ध, भाग्य आदि विषयों का सुदर विवेचन हैं