Format | Hardcopy |
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Author | स्वामी विवेकानन्द जी परिव्राजक |
Editor / Translator Name | डॉ. राधावल्लभ जी चौधरी |
Writer Name | स्वामी विवेकानन्द जी परिव्राजक |
Publisher Name | DARSHAN YOG DHARMARTH TRUST (ROJAD) |
Language | Hindi |
No. of Pages | 48 |
SKU | H037 |
Size | 11 X 9 |
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लड़का यदि दुष्ट व्यसन में पड़ जाये तो उसे कैसे सुधारा जा सकता है ? बच्चों के निर्माण का विज्ञान क्या है? कब-कब कैसे शिक्षा देना चाहिए ? आदि आदि स्पष्टीकरण किया गया है ।