Format | ebook |
---|---|
Author | स्वामी विवेकानन्द जी परिव्राजक |
Writer Name | स्वामी विवेकानन्द जी परिव्राजक |
Publisher Name | DARSHAN YOG DHARMARTH TRUST (ROJAD) |
Language | Hindi |
No. of Pages | 52 |
1 like
दुःख क्यों उत्पन्न होता है, उसका मूल कारण उस दुःख को दूर करने का उपाय, यही उपाय, सही तत्त्वज्ञान के बारे में जो भ्रमित विचार है उन्हे दूर करने को बताया गया है ।