Format | ebook |
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Editor / Translator Name | डॉ. राधावल्लभ जी चौधरी |
Writer Name | आचार्य ज्ञानेश्वर जी आर्य |
Publisher Name | वानप्रस्थ साधक आश्रम रोजड |
Language | Hindi |
No. of Pages | 120 |
SKU | H052 |
Size | 22 X 14 |
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वर्ष 2004 में दिये गये आचार्य ज्ञानेश्वरार्य जी के प्रवचनों को क्रमशः लिपिबद्ध सम्पादित कर वैश्विक जन समूह को लाभ मिले इस अर्थ में प्रकाशित की गई है। विद्यालय के नियमानुसार जीवनी बनाने से दुःख स्मृति, चिंता, अज्ञानता, अयोग्यता और रोग घटते हैं तथा सहनशीलता सुख, शांति, एकाग्रता, बुद्धि, स्मृति, ज्ञान और वैराग्य का भाव विकसित होता है।